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भारत मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा, ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के अनुरोध पर रोका: मोदी ने ट्रंप से कहा
By Virat baibhav | Publish Date: 18/6/2025 4:56:52 PM
कनैनिस्किस (कनाडा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की और उन्हें स्पष्ट रूप से कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान पर हमले पड़ोसी देश के अनुरोध पर रोके थे न कि अमेरिका द्वारा मध्यस्थता या किसी व्यापार समझौते की पेशकश के कारण। ट्रंप के साथ मंगलवार को फोन पर 35 मिनट तक हुई बातचीत में मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ शुरू किए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी और यह स्पष्ट किया कि भारत ने कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है और भविष्य में भी कभी स्वीकार नहीं करेगा। पिछले महीने ऑपरेशन सिंदूर रोके जाने के बाद यह ट्रंप और मोदी के बीच पहली बातचीत है। मोदी और ट्रंप ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद बात की थी जिसमें ट्रंप ने भारत के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की थीं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उसका समर्थन किया था। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर हुई बातचीत पर एक बयान में कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के सिलसिले में व्यापार से जुड़े किसी विषय पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की और भविष्य में भी ऐसी कोई मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि ट्रंप ने जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने यहां आए प्रधानमंत्री मोदी को कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आने का न्यौता दिया। बहरहाल, मोदी ने कहा कि वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण इस न्यौते को स्वीकार नहीं कर सकते। मोदी ने ट्रंप को इस साल प्रस्तावित क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का न्यौता दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ने के कारण शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले ही विदा ले ली थी। मिसरी ने बताया कि मोदी और ट्रंप का जी7 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात करने का कार्यक्रम था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के शिखर सम्मेलन से समय से पहले विदा लेने के कारण यह बैठक नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने मोदी से बात करने पर जोर दिया, जिसके बाद फोन पर बातचीत कराई गई। मोदी ने ट्रंप को बताया कि उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ कार्वाई करने का संकल्प व्यक्त किया था। प्रधानमंत्री ने ट्रंप से फोन पर यह बातें तब कही हैं जब इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कई मौकों पर कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराई थी। ट्रंप के इस दावे को नई दिल्ली ने सिरे से खारिज किया है।
मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को बताया कि भारत ने छह-सात मई की रात को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की कार्वाई नपी-तुली, सटीक तथा तनाव को और बढ़ावा न देने वाली थी। मोदी ने ट्रंप को यह भी बताया कि उन्होंने ऐलान किया था कि गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। मिसरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ट्रंप को बताया कि उन्हें नौ मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस का फोन आया था और वेंस ने पाकिस्तान द्वारा बड़े हमले के बारे में आगाह किया था। मोदी ने वेंस को स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो भारत और कड़ा जवाब देगा। मोदी ने कहा कि भारत ने 9-10 मई की रात को पाकिस्तान के हमले का कड़ा जवाब दिया, जिससे पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा और उनके हवाई अड्डों को निष्क्रिय कर दिया गया।