नई दिल्ली। ऐतिहासिक पुरानी दिल्ली के व्यापारी सांस्कृतिक धरोहर की गरिमा को बनाए रखते हुए मार्केट का पुनर्निर्माण आधुनिक शैली में कराना चाहते हैं। उनकी मांग है कि पुरानी दिल्ली के बाजारों के पुनर्विकास में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था, फुटपाथ, लोडिंग-अनलोडिंग ज़ोन, अग्निशमन व्यवस्था, स्वच्छता एवं स्मार्ट डिजिटल सुविधा, ग्राहक और व्यापारियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो इसका ध्यान व
जाम की समस्या से मुक्ति को प्राथमिकता देनी चाहिए। बुधवार को इस बाबत पुरानी दिल्ली क्षेत्र के पुनर्विकास को लेकर दिल्ली के प्रमुख व्यापारिक संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दिल्ली की प्रतिष्ठित व्यापारिक मंडियों जैसे सदर बाजार, चांदनी चौक, भागीरथ पैलेस, चावड़ी बाजार, हौज काजी, लाल कुआं, खारी बावली, कश्मीरी गेट, तिलक बाज़ार आदि के प्रतिनिधियो के प्रमुख व्यापारिक नेताओं ने भाग लिया। इनमें देवराज बावेजा, रमेश खन्ना, परमजीत सिंह (पम्मा), राकेश यादव, अजय शर्मा, मुरली मणि, संजीव कपूर, योगेश सिंगल, भगवान बंसल, मुकेश सचदेवा, अशोक लांबा, सुशील गोयल, संजीत सिंह, राजेन्द्र कपूर, बलदेव गुप्ता और चंदर भूषण गुप्ता प्रमुख रूप से उपस्थित थे। बैठक में व्यापारियों द्वारा पूर्व में सौंपे गए प्रस्ताव पत्र के बारे में चर्चा करते हुए जो मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया था कि यदि हमें इस ऐतिहासिक क्षेत्र का भविष्य सुनहरा बनाना है, तो एक कंक्रीट और कानूनी रूप से मजबूत मास्टर प्लान बनाकर प्रस्तुत करना होगा। इस प्रस्ताव को सभी व्यापारिक नेताओं ने सर्वसम्मति से स्वीकार करते हुए निर्णय लिया कि कुछ अनुभवी आर्किटेक्ट्स और शहरी नियोजन विशेषज्ञों की मदद से एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराई जाएगी। यह रिपोर्ट ऐसे ढंग से तैयार की जाएगी जिसमें मास्टर प्लान से संबंधित सभी कानूनी जटिलताओं का समाधान भी समाहित हो, ताकि भविष्य में न तो सरकार को किसी प्रकार की अड़चन आए और न ही व्यापारियों को असुविधा झेलनी पड़े। इसके अतिरिक्त, पुरानी दिल्ली की सभी प्रमुख बाजारों से एक-एक प्रतिनिधि को शामिल करते हुए एक कोर कमेटी भी गठित की गई, जो इस परियोजना को रणनीतिक रूप से आगे बढ़ाएगी। व्यापारियों का कहना है कि यह कदम न केवल दिल्ली के व्यावसायिक भविष्य के लिए निर्णायक साबित होगा, बल्कि पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकता है।