नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपए के ऋण धोखाधड़ी मामले में संलिप्तता के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस 13,000 करोड़ रुपए के ऋण धोखाधड़ी मामले में चोकसी के भांजे एवं हीरा व्यापारी नीरव मोदी के बाद दूसरे प्रमुख संदिग्ध के खिलाफ कार्वाई शनिवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर की गई। चोकसी चिकित्सा उपचार के लिए बेल्जियम गया था जिसके बाद से वह वहीं था। भारत छोड़ने के बाद से वह 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था। सूत्रों ने बताया कि कुछ समय पहले ही उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस को हटा दिया गया था और तभी से भारतीय एजेंसियां उसे प्रत्यर्पण के माध्यम से भारत लाने के प्रयास में लगी हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण अनुरोध के तहत भारतीय एजेंसियों ने 2018 और 2021 में मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा जारी कम से कम दो ओपन-एंडेड गिरफ्तारी वारंट अपने बेल्जियम समकक्षों के साथ साझा किए हैं। ओपन-एंडेड गिरफ्तारी वारंट का मतलब ऐसे वारंट से है जो किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए जारी किया जाता है और उसकी कोई समयसीमा नहीं होती। यह वारंट तब तक वैध रहता है जब तक कि इसे अदालत द्वारा रद्द न कर दिया जाए या आरोपी को गिरफ्तार न कर लिया जाए।
सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तारीाहिरासत के बाद औपचारिक कागजी कार्वाई की जा रही है क्योंकि चोकसी चिकित्सीय आधार पर जमानत मांग सकता है। चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने बताया कि उनके मुवक्किल को बेल्जियम पुलिस ने शनिवार (12 अप्रैल) को हिरासत में ले लिया। उन्होंने कहा, फिलहाल, वह जेल में हैं और वहां (बेल्जियम) प्रक्रिया के तहत जमानत के लिए आवेदन नहीं कर सकते, लेकिन अपील दायर कर सकते हैं। अपील के दौरान अनुरोध किया जाता है कि उसे हिरासत में न रखा जाए और उसे हिरासत में न रहते हुए खुद का बचाव करने और प्रत्यर्पण अनुरोध का विरोध करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि अपील के लिए स्पष्ट आधार यह होगा कि चोकसी के भागने का जोखिम नहीं है, वह बहुत बीमार है और कैंसर का इलाज करवा रहा है। उन्होंने कहा कि उनका कानूनी बचाव यह होगा कि यह एक राजनीतिक मामला है और मानवीय स्थिति (भारतीय जेलों में) अच्छी नहीं है। चोकसी, उसके भांजे एवं भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी तथा उनके परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों, बैंक अधिकारियों एवं अन्य लोगों पर 2018 में मुंबई में पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा में ऋण धोखाधड़ी के आरोप में दोनों एजेंसियों द्वारा मामला दर्ज किया गया था।
आरोप है कि चोकसी, उसकी कंपनी गीतांजलि जेम्स और अन्य ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करके वचनपत्र (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी करवाए और बिना निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए विदेशी साख पत्रों (फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट) की सीमा को बढ़ाया तथा बैंक के साथ धोखाधड़ी की। सीबीआई ने इस मामले में चोकसी के खिलाफ कम से कम दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं, जबकि ईडी ने इस तरह की तीन अभियोजन शिकायतें दर्ज की हैं। इस मामले में ईडी और सीबीआई के कानूनी अनुरोध के आधार पर 2019 में प्राधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद से भगोड़ा आर्थिक अपराधी नीरव लंदन की जेल में बंद है। वह भारत में प्रत्यर्पण का विरोध कर रहा है। जांच एजेंसियों के अनुसार, मुंबई में पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा के अधिकारियों ने मार्च-अप्रैल 2017 के दौरान 165 वचनपत्र और 58 विदेशी साख पत्र जारी किए, जिसके बदले 311 बिलों को भुनाया गया।