चंडीगढ़/जैसलमेर। स्कूल बंद हैं, सड़कें और गलियां सूनी हैं, अधिकतर लोग अपने घरों के भीतर ही हैं और बीच-बीच में सायरन बज उठता है। भारत- पाकिस्तान तनाव के कारण देश के सीमावर्ती जिलों का अभी यही हाल है। शुक्रवार की सुबह यहां के बाशिंदे के लिए कुछ तनावपूर्ण थी। तनावपूर्ण रात के बाद शुक्रवार की सुबह इन जिलों में जनजीवन तो सामान्य रहा, लेकिन एक अजीब सी खामोशी के बीच लोगों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही थीं। वह रात बहुत तनावपूर्ण थी। भारत और उसके उग्र पड़ोसी पाकिस्तान के मध्य युद्ध की आशंका के बीच इन सीमावर्ती जिलों में बिजली गुल रही, तेज धमाके खामोशी को चीर रहे थे और लोग काफी डरे हुए थे क्योंकि उनके घर सीमा पर स्थित हैं। हालांकि, बिना किसी अप्रिय घटना के रात कट गई और राजस्थान एवं पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली। पाकिस्तान के साथ पंजाब 532 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जबकि राजस्थान पड़ोसी देश के साथ करीब 1,070 किलोमीटर की सीमा साझा करता है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अधिकारियों ने अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर और गुरदासपुर समेत पंजाब के कई सीमावर्ती जिलों में बृहस्पतिवार को पूरी तरह से ब्लैकआउट कर दिया था, जिससे लोगों ने चिंता में रात बिताई। पठानकोट में कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने बृहस्पतिवार रात को विस्फोट जैसी आवाजें सुनी थीं, हालांकि शुक्रवार सुबह शांति बनी रही। कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि वे घटनाक्रम को लेकर चिंतित हैं लेकिन भारत के सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान के प्रयासों को तुरंत विफल किए जाने के कारण वे आश्वस्त हैं। अमृतसर और फिरोजपुर जैसे प्रमुख सीमावर्ती जिलों में भी शुक्रवार सुबह शांति रही। फिरोजपुर के कुछ निवासियों ने पीटीआई-वीडियो को बताया कि शुक्रवार सुबह माहौल काफी हद तक शांत रहा, लेकिन वे अफवाहों के फैलने से अधिक आशंकित हैं।
बठिंडा में एक स्थानीय व्यक्ति ने पीटीआई-वीडियो को बताया, ब्लैकआउट के बीच आधी रात तक गोलीबारी की बहुत आवाजें आती रहीं। हमने रात डर के साए में बिताई, लेकिन आज सुबह सब कुछ शांत था। बढ़ते तनाव के बीच मोहाली और रूपनगर समेत राज्य के कुछ गुरुद्वारों में शांति के लिए विशेष प्रार्थनाएं भी की गईं।
चंडीगढ़ में शुक्रवार को सुबह की नियमित सैर पर निकले एक बुजुर्ग बलदेव चंद ने कहा कि पिछली रात कुछ चिंताजनक क्षण थे लेकिन भारतीय सशस्त्र बलों ने जिस तरह से पाकिस्तान के प्रयासों को विफल किया उसे देखकर लगता है कि चिंता की कोई बात नहीं है। हालांकि, केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने बाद में फिर से सायरन बजाया और लोगों से अपने अपने घरों में रहने की अपील की।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, हमले की आशंका के मद्देनजर वायु सेना अड्डे से हवाई चेतावनी मिली है। सायरन बजाए जा रहे हैं। सभी को अपने अपने घरों में रहने और बालकनी में नहीं जाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने कहा कि एक घंटे बाद चेतावनी के लिए सायरन बजना बंद हो गया। हरियाणा के पंचकूला और अंबाला में भी कुछ देर के लिए इसी तरह के सायरन की आवाज सुनी गई और लोगों से अपने अपने घरों में रहने की अपील की गई। पटियाला में जिला प्रशासन ने भी परामर्श जारी कर लोगों से अपने अपने घरों के अंदर रहने तथा शांत रहने की अपील की। राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के लोगों ने भी तेज धमाके की आवाजों और पूरी तरह से ब्लैकआउट के बीच डर और अनिश्चितता में रात गुजारी। पाकिस्तान की सीमा से लगे जैसलमेर के एक निवासी ने कहा, हम कुछ भी नहीं देख पा रहे थे, हमने तेज आवाजें सुनीं जो डरावनी थीं। एक अन्य निवासी ने कहा, ब्लैकआउट के बाद हम समझ नहीं पाए कि क्या हो रहा है। बाद में हमें पता चला कि यह पाकिस्तान द्वारा किया गया हमला था, जिसे हमारे सशस्त्र बलों ने विफल कर दिया। बढ़ते तनाव के बीच अधिकारियों ने ब्लैकआउट का दायरा बढ़ाकर इसे शुक्रवार सुबह छह बजे तक कर दिया, हालांकि सुबह स्थिति काफी हद तक शांत रही। इस बीच, शुक्रवार सुबह जैसलमेर जिले के किशनघाट इलाके में बम जैसी वस्तु मिली, जिसके बाद स्थानीय पुलिस और वायु सेना ने त्वरित कार्रवाई की। पुलिस के अनुसार, वस्तु किशनघाट के सामने एक नर्सरी के पास मिली।
कोतवाली थाना प्रभारी (एसएचओ) प्रेम दान ने कहा कि यह एक बम जैसी वस्तु प्रतीत हो रही थी। एसएचओ ने कहा, फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि यह नष्ट हो गई या अब भी ठीक अवस्था में है। उन्होंने कहा कि सेना के विशेषज्ञ इसे निष्क्रिय करने के लिए वहां पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को प्रवेश करने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर क्षेत्र को घेर दिया गया है।