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सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय भेषजी परिषद के प्रमुख के परिसरों पर छापेमारी की
By Virat baibhav | Publish Date: 4/7/2025 4:24:12 PM
सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय भेषजी परिषद के प्रमुख के परिसरों पर छापेमारी की

नई दिल्ली। सीबीआई ने भारतीय भेषजी परिषद (पीसीआई) के अध्यक्ष मोंटू एम पटेल के परिसरों पर छापेमारी की है, जिनके खिलाफ फार्मेसी कॉलेजों के निरीक्षण और अनुमोदन प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार एवं प्रणालीगत अनियमितताओं के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पटेल के खिलाफ यह कार्रवाई प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के आधार पर की गई, जिसमें कॉलेजों को मंजूरी देने में कथित भ्रष्टाचार, नियंत्रण और संभावित हेरफेर के उदाहरण सामने आए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव की शिकायत के आधार पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने फार्मेसी कॉलेजों द्वारा मान्यता प्राप्त करने के तरीकों की जांच की, जिसमें स्थापित मानदंडों का अनुपालन न होने और पारदर्शिता की कमी सामने आई। प्रारंभिक जांच के अनुसार, दिसंबर 2022 तक निरीक्षण ऑफलाइन रूप से किए गए, जिसके कारण पीसीआई टीम द्वारा कॉलेज स्थलों का दौरा करना तथा मानक प्रारूप में रिपोर्ट तैयार करना आवश्यक हो गया। इन रिपोर्ट पर अनुपालन रिपोर्ट के साथ अनुमोदन के लिए कार्यकारी समिति द्वारा विचार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि आरोप है कि पटेल के कार्यकाल में 2023-24 में 391वीं कार्यकारी समिति की बैठक के दौरान महत्वपूर्ण बदलाव किए गए, जिसके तहत भौतिक निरीक्षण की प्रथा को पूरी तरह से बंद कर दिया गया और इसके स्थान पर मानक निरीक्षण प्रारूप (एसआईएफ) के ऑनलाइन आवेदनों को लागू किया गया तथा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निरीक्षण किए जाने की व्यवस्था की गई। अधिकारियों के अनुसार, 24 अप्रैल से पांच मई, 2023 तक गूगल लिंक के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। कुल 908 आवेदन प्राप्त हुए और इनमें से 870 को ऑनलाइन निरीक्षण के लिए चुना गया। ऑनलाइन निरीक्षण ने कथित भ्रष्टाचार के द्वार खोल दिए, जिसका प्रमुख उदाहरण अयोध्या स्थित रामेश्वर प्रसाद सत्य नारायण महाविद्यालय का मामला है। अधिकारियों ने कहा कि तीन जुलाई 2023 को आठ मिनट के ऑनलाइन निरीक्षण के बावजूद, जिसमें प्राचार्य की अनुपस्थिति और गैर-अनुपालन वाले बुनियादी ढांचे का उल्लेख किया गया था, कार्यकारी समिति ने अपनी बैठक में संस्थान को हलफनामे के माध्यम से अनुपालन प्रस्तुत करने के लिए पांच दिन का समय दिया। उन्होंने कहा कि अनुपालन रिपोर्ट के आधार पर पटेल ने निरीक्षकों की नकारात्मक रिपोर्ट के बावजूद संस्थान को डी. फार्मा पाठ्यक्रम संचालित करने की मंजूरी दे दी। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि कॉलेज का स्वामित्व और नियंत्रण विनोद कुमार तिवारी के पास था, जिसने कथित तौर पर प्राथमिक शिक्षक संतोष कुमार झा को 10 लाख रुपए नकद और बैंकिंग चैनलों के माध्यम से अतिरिक्त 95,000 रुपए का भुगतान किया था। उन्होंने कहा कि यह भुगतान कथित तौर पर निरीक्षण का प्रबंधन करने और अनुमोदन प्राप्त करने तथा पुस्तकों, प्रयोगशाला सेटअप, संकाय और पीसीआई अनुमोदन जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करने के लिए किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने संस्थान का दौरा किया, तो वहां एक जीर्ण-शीर्ण इमारत मिली, जिसमें न तो कोई संकाय था, न ही कोई बुनियादी ढांचा और न ही कोई छात्र। एजेंसी ने पटेल के कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में 23 अनुमोदित कॉलेजों में व्यापक कमियों को उजागर किया है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि निरीक्षकों की नकारात्मक रिपोर्ट के बावजूद पटेल की अध्यक्षता वाली कार्यकारी समिति ने कम से कम छह कॉलेजों - एसएसडी कॉलेज ऑफ फार्मेसी, गगन कॉलेज ऑफ फार्मेसी, शांति देवी जैन डिग्री कॉलेज, हेवर्ड कॉलेज ऑफ फार्मेसी, वीर शिवाजी कॉलेज ऑफ फार्मेसी और सुभावती कॉलेज ऑफ फार्मेसी को मंजूरी दे दी। प्राथमिकी के अनुसार, प्रारंभिक जांच के दौरान प्राप्त तथ्यों से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि मोंटू कुमार पटेल ने कार्यकारी समिति के अज्ञात सदस्यों के साथ आपराधिक साजिश में, स्वयं या दूसरों के लिए अनुचित लाभ प्राप्त करने के बदले में उपरोक्त संस्थाओं के पक्ष में मंजूरी दी। एजेंसी ने कहा कि पीसीआई के कामकाज में हेरफेर के अन्य मामलों में छह अप्रैल, 2022 को 114वीं केंद्रीय परिषद की बैठक के एजेंडे का दायरा अध्यक्ष का चुनाव करना था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि पटेल ने एजेंडे के दायरे से बाहर जाकर निलिमेंका दास को कार्यकारी समिति का सदस्य और छह अन्य को सहयोजित सदस्य के रूप में चुना, जिससे कार्यकारी समिति का नियंत्रण छीन लिया गया।
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