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भारत में वृद्धों को अस्पताल में भर्ती होने के लिए 45 किलोमीटर तक की यात्रा करनी पड़ती : लैंसेट अध्ययन
By Virat baibhav | Publish Date: 22/4/2025 8:30:17 PMनई दिल्ली। भारत में वृद्धों को बाह्य-रोगी सेवाओं के लिए 15 किलोमीटर तक की यात्रा करनी पड़ सकती है तथा अस्पताल में भर्ती होने के लिए लगभग 45 किलोमीटर दूर तक जाना पड़ सकता है। यह जानकारी एक नए शोध से मिली है। द लांसेट रीजनल हेल्थ-साउथ ईस्ट एशिया जर्नल में प्रकाशित अनुमानों में शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में असमानता भी दिखाई गई है। इसके मुताबिक, शहरी बुजुर्गों को 10 किलोमीटर की दूरी के भीतर बाह्य-रोगी सुविधाएं मिल जाती हैं, जबकि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले वृद्धों के लिए यह दूरी लगभग 30 किलोमीटर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के शोधकर्ताओं ने 2017-2018 में भारत के अनुदैर्ध्य आयु अध्ययन (एलएएसआई) की पहली लहर के दौरान एकत्र किए गए 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 32,000 वृद्धों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। भारत में करीब 13.8 करोड़ बुजुर्ग हैं। जब स्वास्थ्य सुविधआएं 10 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध थी तो बाह्य-रोगी और अस्पताल में भर्ती होने, दोनों प्रकार की सेवाओं का इस्तेमाल करने की दरें उच्च थी जो - क्रमश: 73 प्रतिशत और 40 फीसदी थी। टीम ने कहा कि लंबी यात्रा और दूरी इस आयु वर्ग के लोगों के लिए समय पर आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने में बाधा है। उन्होंने कहा, वृद्ध व्यक्तियों को बाह्य रोगी सेवाएं प्राप्त करने के लिए औसतन क्रमश: नौ मील (14.54 किलोमीटर) की दूरी तय करनी पड़ती है, तथा अस्पताल में भर्ती होने के लिए 27 मील (43.62 किलोमीटर) की दूरी तय करनी पड़ती है। राज्यवार आंकड़ों में त्रिपुरा, मणिपुर और केरल ऐसे राज्य थे जहां 10 किमी के अंदर बाह्य-रोगी और अस्पताल में भर्ती होने की सुविधा का वृद्धों ने सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया।