बिहार: व्यवसाई गोपाल खेमका की हत्या, नीतीश ने कानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए बैठक की
पटना। बिहार के जाने-माने व्यवसाई गोपाल खेमका की पटना में उनके आवास के निकट मोटरसाइकिल सवार हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि घटना शुक्रवार रात करीब 11 बजकर 40 मिनट पर गांधी मैदान इलाके में हुई। पुलिस अधीक्षक (पटना सेंट्रल) दीक्षा ने संवाददाताओं से कहा, स्थानीय थाने के अधिकारी व गश्ती वाहनों में सवार पुलिसकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक विशेषज्ञ साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं। जांच जारी है। उन्होंने कहा, सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही हैं। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि खेमका को मोटरसाइकिल सवार एक अज्ञात हमलावर ने गोली मारी।
खेमका के परिवार के सदस्यों के अनुसार, उनके बेटे की भी छह वर्ष पहले हाजीपुर में अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की। उन्होंने कहा कि बैठक में खेमका की हत्या के मामले पर भी चर्चा की गई। इस बैठक में बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार और पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि कानून व्यवस्था राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है और लापरवाही बरतने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्वाई की चेतावनी दी गई।
बयान में कहा गया, नीतीश ने संबंधित अधिकारियों को खेमका की हत्या के मामले की जांच जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश दिया। खेमका के कुछ रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी घटना के करीब दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे। बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में इस आरोप से इनकार किया। कुमार ने कहा, पुलिस कार्वाई में देरी का कोई सवाल ही नहीं है। दरअसल, घटना की जानकारी शुक्रवार देर रात करीब 12.30 बजे पुलिस तक पहुंची। शुक्रवार रात 11 बजकर 40 मिनट पर गोलीबारी होने के बाद परिवार के सदस्य उन्हें (खेमका) कंकड़बाग इलाके में एक निजी अस्पताल ले गए, जिसमें करीब 30 से 35 मिनट लगे। अस्पताल के अधिकारियों ने ही पुलिस को सूचना दी। वरिष्ठ अधिकारी रात करीब 12 बजकर 40 मिनट पर घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि व्यवसाई की हत्या मामले की जांच की निगरानी के लिए एसआईटी का गठन किया गया है जिसमें विशेष कार्य बल और मध्य पुलिस जिले के अधिकारी शामिल हैं।
कुमार ने कहा कि हत्या के पीछे पुरानी रंजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर एक पोस्ट में कहा, पटना में थाने से चंद कदम की दूरी पर बिहार के एक बड़े व्यवसाई की गोली मारकर हत्या कर दी गईउ बिहार में हर महीने सैकड़ों व्यवसाईाकारोबारी मारे जा रहे हैं, लेकिन लोग इसे जंगलराज नहीं कह रहे हैं। इसे सरकार की मीडिया मैनेजमेंट और छवि निर्माण की कवायद कहा जाता है।
कांग्रेस की बिहार इकाई के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि इस घटना ने एक बार फिर राज्य में कानून-व्यवस्था की दयनीय स्थिति को उजागर कर दिया है। राठौड़ ने संवाददाताओं से कहा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार बिगड़ती कानून-व्यवस्था को रोकने में विफल रही है। राज्य में हर रोज हत्या, दुष्कर्म, अपहरण, जबरन वसूली के मामले सामने आ रहे हैं। पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, कोई भी सुरक्षित नहीं है। राज्य में मौजूदा राजग सरकार द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। नीतीश जी, कृपया बिहार को बख्श दीजिए।